आज जब में क्वोरा पर कुछ देख रहा था तो किसी किताब का एक स्क्रीनशॉट हिंदी में हाथ लगा। जिसे पढ़कर कुछ देर तक सोच में पड़ गया कि -प्रत्येक सत्य आचरण रखने वाला मनुष्य आर्य ही है? तो क्या प्रभु राम के सत्य आचरण के कारण ही माता सीता उन्हें कभी कभी आर्यपुत्र या आर्य के नाम से सम्बोधित करती थी? तो फिर इसका मतलब क्या आर्य और द्रविड़ की कहानी भी एक भ्रम थी? क्या पता। अपने जीवन में इतना तो अनुभव हो ही गया है
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